जय अभिनंदन

28.02.19

जय अभिन्दन~~~~💝~~~💝~
भारत के पुष्प..........जयहिंद......!
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पुष्प    अनोखे   वो   होते   हैं,
               भारत  में  जोें  पलते हैं।
चुभन सहें कंटक की फिर भी,
              मुस्कानों   में   ढलते   हैं।
सौरभ उनकी चहुँ-दिशि  फैले,
               दुश्मन  बेबस   रह जाते।
डर जाते हैं आतंकी भी,
               दिल ही दिल में जलते हैं।

ललित किशोर 'ललित'~~~~💝~~~
~~~~~💝~~~काव्य सृजन परिवार

कुण्डलिया छंद रचनाएँ

28.02.19
कुण्डलिया छंद
बम-गोले
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बम-गोले बरसा रहा,क्रोधित हिंदुस्तान।
सीना छप्पन इंच का,देखे पाकिस्तान।

देखे पाकिस्तान,काँपती अपनी धरती।
आतंकी क्यों हाय,किए थे पहले भर्ती?

कहे 'ललित' रे! पाक,पाप तू अब भी धोले।
बरसेंगें दिन-रात,नहीं तो ये बम-गोले।

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ललित किशोर 'ललित'