रात की दीवार पर

मुक्तक

चाहता कुछ राज लिखना,रात की दीवार पर।
चाँद की मीठी नज़र पर,चाँदनी के प्यार पर।
प्यार के अरमान मेरे,चूर दिल में ही हुए।
कौनसी कविता लिखूँ अब,ज़िंदगी की मार पर?

ललित

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