मुक्तक
चाहता कुछ राज लिखना,रात की दीवार पर।
चाँद की मीठी नज़र पर,चाँदनी के प्यार पर।
प्यार के अरमान मेरे,चूर दिल में ही हुए।
कौनसी कविता लिखूँ अब,ज़िंदगी की मार पर?
ललित
मेरे लिए अत्यंत हर्ष का विषय!!! हिंदी साहित्यिक स मूह " मुक्तक लोक " द्वारा आयोजित तरंगिनी छंद समारोह में मेरी छंद रचना को चयनित ...
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