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------- छंद रजनी विधान-----
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1. यह एक मात्रिक छंद है।
2. इस छंद में 14, 9 = 23 कुल मात्राएँ
होती हैं।
3. दो - दो पंक्तियों में तुकांत सुमेलन किया जाता है।
4. चरणों का अंत सदैव गुरु वर्ण से किया जाता है।
5. मापनी :-
2122 2122, 2122 2
**** उदाहरण ****
छंद रजनी
अम्बिका जगदम्बिका माँ,लाल मैं तेरा।
थाम ले इस भँवर में माँ,हाथ तू मेरा ।
है घटा घन घोर छाई,दुःख की काली।
द्वार पर तेरे खड़ा मैं,हाथ हैं खाली।
**********रचनाकार*************
ललित किशोर 'ललित'
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