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-------वामा छंद विधान-----
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1. यह एक मात्रिक छंद है...
2. इसके प्रत्येक चरण में कुल 16 मात्राएँ होती हैं।
3. हर चरण का अंत सदैव गुरु वर्ण से होता है।
4. इसमें कुल चार चरण होते हैं।
5. क्रमागत दो-दो चरण समतुकांत रखे जाते हैं।
मापनी - 221 122 2112
**** उदाहरण ****
वामा छंद
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कुछ स्वप्न अधर में हैं लटके।
कुछ खूब गए देकर फटके।
जब चूर हुए सुंदर सपने।
सब दूर हुए हमदम अपने।
**********रचनाकार*************
ललित किशोर 'ललित'
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