क्षणिका
गैरों के साथ-साथ
अपनों ने भी
इस दिल को निचोड़ा है।
इसीलिये कम्बख्त
थोड़ा कड़वा
थोड़ा मीठा
ये निगोड़ा है।
'ललित'
मेरे लिए अत्यंत हर्ष का विषय!!! हिंदी साहित्यिक स मूह " मुक्तक लोक " द्वारा आयोजित तरंगिनी छंद समारोह में मेरी छंद रचना को चयनित ...
No comments:
Post a Comment