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*** मदिरा सवैया छंद विधान ***
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मदिरा सवैया छंद का विधान व उदाहरण निम्न लिखित है...
1.यह एक वार्णिक छंद है
2.इस छंद की हर पंक्ति में 7 भगण तथा अंत में एक गुरु वर्ण होता है।
जैसेः-गुरु लघु लघु ×7 + गुरु वर्ण।
3. इसमें चार पंक्तिया तथा चार सम तुकांत होते हैं।
4.लय की सुगमता के लिए हर पंक्ति के 12 वें वर्ण पर यति चिन्ह दर्शाएँ।
5.क्योंकि यह वर्णिक छंद है इसलिए
इसमें लघु के स्थान पर लघु और गुरु के स्थान पर गुरु वर्ण ही आना चाहिए ।
दो लघु वर्णों की गणना एक गुरु वर्ण के रूप में नहीं कर सकते।
**** उदाहरण****
मदिरा सवैया
रे मन! मानव जीवन दे कर,धन्य किया प्रभु से कहना।
तू मनमोहन केशव माधव,कृष्ण सदा जपते रहना।
कृष्ण हँसे बिन बात अहर्निश,सीख जरा उससे सहना।
तू मनमंदिर में नित जाकर,ध्यान समुंदर में बहना।
**रचनाकार**
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ललित किशोर 'ललित'
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