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**** श्रृंगार छंद विधान****
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1. यह एक मात्रिक छंद है ।
2. इसके प्रत्येक चरण में कुल 32 मात्राएँ होती हैं तथा 16,16 मात्राओं पर यति चिन्ह होता है।
3. चरण कि अंत सदैव गुरु लघु वर्ण से होता है।
4. चार पँक्तियाँ चार चरण होते हैं।
5 दो - दो अथवा चार पंक्तियों में समतुकांत मिलाए जाते हैं।
***उदाहरण***
श्रृंगार छंद
बाग से चुन-कर सुंदर फूल।
कन्हैया आए यमुना कूल।
बना कर मधुर मनोहर हार।
किया राधा जी का श्रृंगार।
प्यार का गजरा पहन अनूप।
खिला राधा जी का रँग-रूप।
अलौकिक सौरभ से भरपूर।
राधिका की वेणी का नूर।
****रचनाकार****
ललित किशोर 'ललित'
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