-ओज पियूष वर्ष छंद
ऐ जवानों अब नहीं देरी करो। आग से हर शत्रु की चौकी भरो। चीरकर रख दो जिगर शैतान का। नाम बच पाए न पाकिस्तान का।
ललित
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