ओज

-ओज
पियूष वर्ष छंद

ऐ जवानों अब नहीं देरी करो।
आग से हर शत्रु की चौकी भरो।
चीरकर रख दो जिगर शैतान का।
नाम बच पाए न पाकिस्तान का।

ललित

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