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*** मुक्तामणि छंद विधान****
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1. यह एक मात्रिक छंद है जिसके विषम चरणों में 13 एवं सम चरणों में 12 मात्राएँ होती हैं।
2. इसमें 13, 12 मात्रा पर यति चिह्न तथा कुल 25 मात्राएँ होती हैंं।
3. यति पूर्व लघु गुरु वर्ण तथा अंत दो गुरु वर्णों से करनि है।
4. क्रमागत दो-दो पंक्तियों में तुकांत सुमेलनकरें।
**** उदाहरण ****
मुक्तामणि छंद
माखन-मिश्री हाथ में,लेकर कान्हा भागा।
लीला जिसने देख ली,भाग्य उसी का जागा।
छोटा सा नँद-लाल ये,माखन-चोर निराला।
माखन जिसको दे वही, हो जाता मतवाला।
***रचनाकार***
ललित किशोर 'ललित'
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