आदरणीय राकेश जी व भाभीजी को
शादी की वर्ष-गाँठ पर मेरी ओर से अनन्त शुभ कामनाएँ
फूल-बहारों का मौसम ही,जीवन में चहुँ ओर रहे।
यश-माही ललिता जी में भी,प्यार सदा पुर जोर रहे।
माँ शारद की कृपा रहे औ',लक्ष्मी जी धन-धान्य भरें।
हर कवि सम्मेलन में केवल,'राज' 'राज' का शोर रहे।
ललित किशोर 'ललित'
कुण्डलिनी
यश
देखी यश की गायकी,और मधुर मुस्कान।
सुर औ' लय को साधकर,देता अद्भुत तान।
देता अद्भुत तान,गीत है गाता ऐसे।
बड़े मंच पर गीत,कुशल कवि गाते जैसे।
ललित
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